National Technology Day 2023 How did the technological era begin, read in detail here

National Technology Day 2023: तकनीकी युग की शुरुआत कैसे हुई ? यहां पढ़े विस्तार से 

National Technology Day 2023

National Technology Day 2023 How did the technological era begin, read in detail here

National Technology Day 2023: भारत में 11 मई का दिन टेक्नोलॉजी के नाम रहता है। यह दिन National Technology Day 2023 के रूप में मनाया जाता है। यह दिन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैज्ञानिकों, तकनीकी दिग्गजों और शोधकर्ताओं की उपलब्धियों और अथक प्रयासों पर प्रकाश डालता है। इस विशेष दिन की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1998 में पोखरण में सफल परमाणु परीक्षणों को चिह्नित करने और भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाने में वैज्ञानिकों के योगदान का सम्मान करने के लिए की थी।

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National Technology Day का इतिहास
1998
में सेना के पोखरण परीक्षण रेंज में किए गए सफल परमाणु परीक्षणों को चिह्नित करने के लिए तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस घोषित किया गया था। यह उपलब्धि वैज्ञानिकों और भारतीय सेना के संयुक्त सहयोग का परिणाम थी। National Technology Day के इतिहास पर नजर डालें तो 11 मई, 1999 में पहली बार इन दिन को मनाया गया था। नेशनल टेक्नोलॉजी डे को काउंसिल फॉर टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट द्वारा मनाया गया था। उस दौरान देश के प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी थे। यह दिन पांच पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट को भी समर्पित है। साल 1998 में इसी दिन देश की आर्मी विंग ने इस टेस्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया था। इसी के साथ टेक्नोलॉजी के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों की उपलब्धियों के लिए इस दिन को खास माना जाता है।

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क्यों मनाया जाता है National Technology Day
देश में हर साल 11 मई के दिन National Technology Day मनाया जाता है। इस दिन वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, इंजीनियरों, शिक्षकों और विज्ञान एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शामिल अन्य सभी बुद्धिजीवियों को सम्मानित किया जाता है। बतादें कि 11 मई 1999 को पहली बार National Technology Day मनाया गया था। इसकी पीछे मुख्य वजह थी कि 11 मई 1998 को भारत में पोखरण में अपना पहला परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किया। इस वर्षगाठं के तौर पर 1999 में National Technology Day मनाया गया। 

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एपीजे अब्दुल कलाम जी ने संभाली थी न्यूक्लियर टेस्ट की कमान
साल 1998 में भारतीय सेना ने पोखरण टेस्ट रेंज में एक साथ पांच विस्फोटों को करने में बड़ी सफलता हासिल की थी। 1974 के पहले न्यूक्लियर टेस्ट 'स्माइलिंग बुद्धा' के बाद यह भारत का दूसरा बड़ा न्यूक्लियर टेस्ट था, इस टेस्ट का कोड नेम ऑपरेशन शक्ति था। इतना ही नहीं,पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट को लीड करने के रूप में भारत के मिसाइल मैन यानी देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। टेक्नोलॉजी में साल 1998 में भारत के हाथ लगी बड़ी सफलता का जश्न ही हर साल देश में टेक्नोलॉजी डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का एलान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।

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न्यूक्लियर क्लब में भारत की हुई थी एंट्री
दरअसल पोखरण-I भारत की पहला न्यूक्लियर टेस्ट था। पहला न्यूक्लियर टेस्ट साल 1974 में किया गया था। इसे स्माइलिंग बुद्धा के नाम से जाना जाता है। पोखरण-II की बड़ी सफलता के बाद ही तत्कालिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को एक न्यूक्लियर स्टेट घोषित किया था। भारत न्यूक्लियर क्लब को जॉइन करने वाला 6वां देश बन रहा था। इसके साथ ही भारत ऐसा पहला देश बन रहा था जो एनपीटी (Non-Proliferation of Nuclear Weapons) का हिस्सा नहीं था। यह एक अंतरराष्ट्रीय ट्रीटी थी, जिसे अमेरिका, रूस, यूके, फ्रांस और चीन ने साइन किया था। इसका उद्देश्य न्यूक्लियर हथियारों के प्रसार को रोकना था। 

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National Technology Day 2023: थीम
टेक्नोलॉजी बहुत तेज गति से आगे बढ़ रही है। इसलिए, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को हर साल एक नई थीम मिलती है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 की थीम "सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण" है। कहने की आवश्यकता नहीं है कि यह विषय एक स्थायी भविष्य बनाने के लिए प्रौद्योगिकी को विकसित करने और अपनाने पर जोर देता है। हर साल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए कई नवप्रवर्तकों और उद्यमियों को पुरस्कार दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने इस दिन के उपलक्ष्य में एक राष्ट्रीय पुरस्कार बनाया है। टीडीबी पुरस्कार कई व्यक्तियों के साथ-साथ उद्योगों को स्वदेशी प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण में उनकी उत्पादक उपलब्धियों के लिए प्रदान किया जाता है। पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिए जाते हैं।